About IPTA

भारत एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक देश है, क्योकि भारत का कानून हमारे संविधान पर ही आधारित है। हमारे संविधान के द्वारा ही मनुष्य को मौलिक कर्तव्य और मौलिक अधिकार प्राप्त हुए है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने समुचित विकास में समाज, देश तथा व्यक्तिगत प्रयास कर सकता है किन्तु किसी भी नागरिक का विकास तब तक सम्भव नही है जब तक वो शिक्षित न हो। शिक्षा वो गहना है जो मनुष्य को मनुष्यता प्रदान करता है। भारतवर्ष में निजी शिक्षक तथा सरकारी शिक्षक समाज के साथ साथ देश का निर्माण और सेवा करते है। हर वर्ग के लोगो में एक समान ज्ञान दे कर आत्मनिर्भर रहना सीखाते है। हमलोग अपनी पूरी जिंदगी सेवा में लगा देते है लेकिन गैर-सरकारी शिक्षको के सामने चुनौतिया ज्यादा है, उन्हे समान काम के बदले असमान वेतन दिये जाते है। सरकारी शिक्षकों के लिए संविधान पटल, पर पहचान है परन्तु निजी शिक्षको के लिए संविधान पर कोई पहचान नही है। इन्ही सारी असामनताओं को लेकर गैर-सरकारी शिक्षकों का यह संगठन जो पूरे भारत वर्ष में भारतीय गैर सरकारी शिक्षक संघ सह समाज सेवी संस्था (IPTA) के नाम से निजी शिक्षकों के उत्थान हेतु कार्यरत व प्रयासरत है। सरकारी शिक्षको के तुलना में गैर-सरकारी शिक्षकों का योगदान देश के चारो पालिका यथा कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका एवं पत्रकारिता में विद्वमान है। वे गैर-सरकारी शिक्षक ही है जो अभ्यर्थीयों को देश में सेवा देने हेतु निःस्वार्थ भाव से तैयार कर समाज में प्रेषित करते है ताकि हमारे देश के विधि व्यवस्था सुचारु रुप से चल सके। देश के प्रतियोगिता परीक्षा (UPSC) जैसे बड़ी-बड़ी परीक्षाओं के अभ्यर्थीयों को भी गैर-सरकारी शिक्षकों के देख-रेख में सबल बना कर तैयार किया जाता है।

अतः हम यह कह सकते है कि गैर-सरकारी शिक्षकों की भूमिका शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय है। परन्तु दुर्भाग्य है कि इतने बड़े लोकतात्रिंक देश में संविधान पटल पर गैर-सरकारी शिक्षको का जिक्र न होना कतिपय समझ से परे है। जिस प्रकार हमारे देश में वकीलो हेतु वार काउंसिल है, संविधान के चौथे स्तंभ माने जाने वाले पत्रकार बंधुओं के लिए प्रेस काउंसिल है ठीक उसी प्रकार गैर-सरकारी शिक्षकों के लिए भी एक विशेष पहचान हेतु एक अधिनयम बने । आज देश में संविधान में संसोधन कर एक एक्ट (अधिनियम) बनाने की नितान्त आवश्यकता है।

99+

50k+

Privet Teachers

Privet Schools

भारतीय गैर सरकारी शिक्षक संघ सह समाज सेवी संस्था

आपके लाभ हेतु

  • 1. पूरे देश में एक परिवार उपलब्ध करवाना।

  • 2. शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए कुटीर उद्योग के साथ-साथ PART TIME JOB की व्यवस्था

  • 3. किसी के बच्चे बेरोजगार न रहे एवं उच्च प्रतियोगिता के लिए बंचित न रहे जो स्वेच्छा शुल्क विद्यालय (IPTA) में उपलब्ध है ।

  • 4. रजिस्टर्ड शिक्षकों को आकस्मिक दुर्घटना के दौरान राजकोष से निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध है 5. निजी शिक्षको कि लिए बीमा योजना, आयुष्मान चिकित्सा कार्ड के साथ-साथ अन्य सरकारी लाभ के लिए आपका स्वागत है। धन्यवाद !!

अतः हम देश के सभी गैर-सरकारी शिक्षकगण भारत सरकार के सारे मंत्रालयो से आग्रह करते है कि हम लोगो की भी संविधान पटल पर एक एक्ट बनाया जाये ताकि हमारे निजी शिक्षकों का भी एक पहचान हो|

IPTA Projects

Empowering private teachers through community and advocacy.

स्वेच्छा शुल्क विद्यालय (IPTA)

Key Issues

Addressing challenges faced by private teachers in India.

डॉ परमानंद मोद
रंजीत श्रीवास्तव
डॉ नथुनी संह
सूय देव साद

संस्थापक सर राष्ट्रीय अध्यक्ष

राष्ट्रीय सचिव

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

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What is IPTA's mission?

IPTA aims to advocate for private teachers' rights and improve their working conditions in India.

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